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मराठी

माझी ति

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फूलो सी नाजुक है वो हात ना लगाना कही मुर्जाना ना जाये, फूलो मे गुलाब है वो जरा सभल कर कही काटा चुभ ना जाये,इत्र की खुशबु है वो सभल कर कही इसकी खुशबु खो ना जाये, बड़ी नायब है वो किसी अनमोल सितारे की ...

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लेखकांविषयी
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Karunya

शायरी की डायरी से काश!! शायर के शायरी की तरह लोग शायर के दिल को भी समझ पाते, रोते हुए शायर के जज़्बात भी समझ पाते, उसमे काबिलियत तो है हर दर्द को खूबसूरती से लफ़्ज़ों में बयां करने की, काश समझने वाले उसके लिखने के पीछे की तड़प भी समझ पाते ।

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