pratilipi-logo प्रतिलिपि
मराठी
Pratilipi Logo
छोटी कविताएं.....
छोटी कविताएं.....

....वो जब घर से निकली उसे न थी कुछ जमाने की भनक आँखों में थे कुछ सपने ,और हँसी में थी उसकी, एक खनक दिल में जज्बा था ,उसके कुछ बन कर दिखाने का चेहरे पर कोई खौफ न था इस जालिम जमाने का चाल थी ...

4.9
(41)
5 মিনিট
वाचन कालावधी
345+
वाचक संख्या
library ग्रंथालय
download डाउनलोड करा

Chapters

1.

बेईमान इरादे....

164 4.8 1 মিনিট
28 এপ্রিল 2020
2.

दिल की बुरी नहीं हूँ मैं....

25 5 1 মিনিট
26 মে 2020
3.

सपना, सच या फ़साना...

73 5 1 মিনিট
18 মে 2020
4.

तुम अपना ख्याल रखना..

हा भाग वाचण्यासाठी ॲप डाउनलोड करा.
locked
5.

अपना ख्याल रखना...

हा भाग वाचण्यासाठी ॲप डाउनलोड करा.
locked